भारत की बानू मुश्ताक को हार्ट लैंप के लिए मिल वर्ष 2025 का अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार
(India's Banu Mushtaq gets International Booker Prize 2025 for Heart Lamp)
✅ भारतीय लेखिका बानू मुश्ताक और अनुवादक दीपा भष्टी ने 20 मई 2025 को "हार्ट लैंप" के लिए अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता, जो 30 से अधिक वर्षों की अवधि में लिखी गई 12 लघु कथाओं का संग्रह है और जो दक्षिण भारत में मुस्लिम महिलाओं की महिलाओं के रोजमर्रा के जीवन और संघर्षों का वर्णन करती है।
✅ यह प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाला पहला लघु कहानी संग्रह है। 2016 में पुरस्कार के वर्तमान स्वरूप में आने के बाद से भास्थी इस पुरस्कार को जीतने वाली पहली भारतीय अनुवादक हैं - और नौवीं महिला अनुवादक हैं। मुश्ताक तब से पुरस्कार पाने वाली छठी महिला लेखिका हैं।
✅ 50,000 पाउंड ($66,000) की पुरस्कार राशि लेखक और अनुवादक के बीच समान रूप से विभाजित की जाएगी। प्रत्येक को एक ट्रॉफी भी प्रदान की जाती है।
✅ अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार, जिसे पहले मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के नाम से जाना जाता था, वर्ष 2005 में प्रारंभ किया गया था, यह अंग्रेज़ी में अनुवादित और यूनाइटेड किंगडम या आयरलैंड में प्रकाशित एक पुस्तक के लिये प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाले भारतीय:-
1. 1971, वी. एस. नायपॉल - इन अ फ्री स्टेट
2. 1981, सलमान रुश्दी - नाइट्स चिल्ड्रेन
3. 1997, अरुंधती रॉय - द गॉड ऑफ स्माॅल थिंग्स
4. 2006, किरण देसाई - द इनहेरिटेंस लाॅस
5. 2008, अरविंद अडिग - द वाइट टाइगर
6. 2022, गीतांजलि श्री - टॉम्ब ऑफ सैंड