✵भोपाल गैस त्रासदी✵
- भोपाल गैस त्रासदी :- 2 से 3 दिसम्बर की रात वर्ष 1984 में घटित ह्रदय विदारक घटना।
- कहाँ : भोपाल, मध्यप्रदेश।
- ज़िम्मेदार : यूनियन कार्बाइड नामक कम्पनी।
- तत्कालीन कम्पनी अध्यक्ष : वॉरेन एंडरसन।
➢कारण :-
• कीटनाशक बनाने में इस्तेमाल होने वाली मिथाइल आइसोसाइनाइट (MIC) गैस का रिसाव।
➢लापरवाही :-
• MIC गैस को कूलिंग लेवल पर रखने वाले फ्रीलिंग प्लांट को विद्युत बिल कम करने की मंशा से बंद करके रखना।
• गैस टैंक में मानक स्तर से अधिक MIC गैस का भराव।
• तकनीकी कारणों की अनदेखी।
➢हानि :-
• 3700 से अधिक की जनहानि (सरकारी आंकड़े अनुसार) जबकि माना जाता है 72 घंटो में इस रिसाव के कारण यह आंकड़ा 25,000 से अधिक हैं।
• 2006 में MP सरकार द्वारा दाख़िल शपथ पत्र के अनुसार 5,58,125 लोग सीधे तौर पर जबकि 38,478 आंशिक व 3950 लोग बुरी तरह प्रभावित हुए।
• भोपाल अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (1993) : इसका कार्य घटना के पर्यावरण व मानव समुदाय पर पड़ने वाले दीर्घकालीन प्रभाव का आंकलन करना था।
• इस त्रासदी के 36 वर्षो बाद साल 2020 में भारत की सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार द्वारा अमेरिका स्थित यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) की उत्तराधिकारी फर्मों से पीड़ितों के लिए बतौर मुआवजा अतिरिक्त धनराशि (7,844 करोड़ रुपये) के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ गठित की हैं।
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