विजय दिवस
भारत-पाक युद्ध (1971):-
उद्देश्य :- भारत की पाकिस्तान पर जीत की याद तथा युद्ध में हुए शहीदों को नमन करते हुए प्रत्येक वर्ष 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है।
इस युद्ध के दौरान प्रमुख पदों पर :-
• भारतीय राष्ट्रपति - वी.वी. गिरी
• भारतीय प्रधानमंत्री – इंदिरा गाँधी
प्रमुख तथ्य :-
• युद्ध के बाद पूर्वी पाकिस्तान से “बांग्लादेश” का उदय।
• इस युद्ध की सफलता बांग्लादेश के लिए मुक्ति की घोषणा थी इसलिए वहां इस दिन को ‘मुक्ति दिवस‘ या ‘स्वतंत्रता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
• बांग्लादेश का पाकिस्तानी सेना के खिलाफ यह संघर्ष 25 मार्च 1971 से ही शुरू हो चुका था। अप्रैल में भारत द्वारा बांग्लादेश की “मुक्ति वाहिनी” को सैनिक समर्थन देने के साथ ही पाकिस्तान और भारत में तनाव बढ़ने लगा।
• अंततः 3 दिसंबर तक दोनों देशों का सैन्य संघर्ष निर्णायक मोड़ पर आ चुका था और 16 दिसंबर को (ढाका समर्पण) जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाज़ी के नेतृत्व में लगभग 93,000 पाक सैनिकों के आत्मसमर्पण के साथ समाप्त हुआ।
• 3 जुलाई, 1972 के शिमला समझौते के तहत इन पाक सैनिकों को आजाद किया गया था।
(मुक्ति वाहिनी : बांग्लादेश की आजादी के संघर्ष के दौरान गठित एक छापामार संगठन था, जो पाकिस्तानी सेना के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध लड़ रहा था।)
युद्ध स्थान :-
• पूर्वी फ़्रण्ट : (भारत-बांग्लादेश सीमा) बंगाल की खाड़ी, पाशा एन्क्लेव।
• पश्चिमी फ़्रण्ट : भारत-पाकिस्तान (LOC) तथा अरब सागर।
(भारतीय सेनाओं ने पश्चिमी सीमा पर लगभग 5,795 वर्ग मील भूमि अधिग्रहीत कर ली थी, जिसे शिमला समझौते, के अंतर्गत पाकिस्तान को पुनः लौटा दी।)
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