ज्ञानचंद्र घोष
(14 सितम्बर 1894 - 21 जनवरी 1959)
➢पुरुलिया, पश्चिम बंगाल में 14 सितम्बर 1894 में जन्में ज्ञानचंद्र घोष भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक थे।
◆शिक्षा :-
• वर्ष 1915 - एम.एस.सी. प्रेसिडेंसी कॉलेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय (वर्तमान कोलकाता)
• वर्ष 1918 - डी.एस.सी. की उपाधि प्राप्त की।
◆विदेश में :-
• वर्ष 1919 में ज्ञान चंद्र घोष ने यूरोप में प्रोफ़ेसर डोनान (इंग्लैंड) और डॉ. नर्स्ट व डॉ. हेवर (जर्मनी) के अधीन कार्य किया।
◆कार्यक्षेत्र :-
• प्रोफेसर – साइंस कॉलेज (कलकत्ता विश्वविद्यालय)
• वर्ष 1921 - ढाका विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर नियुक्त।
• वर्ष 1939 – डायरेक्टर, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस, बेंगलोर।
◆प्रसिद्ध सिद्धांत :-
• ‘घोष का तनुता सिद्धांत’
◆उच्च पद पर :-
• वर्ष 1947-1950 - डायरेक्टर जनरल ऑफ इंडस्ट्रीज एंड सप्लाइज़, भारत सरकार।
• संस्थापक व डायरेक्टर, खड़गपुर तकनीकी संस्थान।
• उपकुलपति, कलकत्ता विश्वविद्यालय।
• योजना आयोग के सदस्य, भारत सरकार।
• अनुसंधान कार्यक्षेत्र में इंडियन साइंस कांग्रेस और भारतीय केमिकल सोसायटी के अध्यक्ष नियुक्त।
◆ज्ञानचंद्र घोष के अनुसंधान विषय :-
• विशेष रूप से विद्युत रसायन, गति विज्ञान, उच्चताप गैस अभिक्रिया, उत्प्रेरण, आत्मऑक्सीकरण, प्रतिदीप्ति थे।
Nice
जवाब देंहटाएंNice yaar
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