4 फरवरी
विश्व कैंसर दिवस
• थीम 2019 - 2021 : “मैं हूं और मैं करूँगा”।
उद्देश्य :-
• कैंसर की पहचान और उपचार को प्रोत्साहित करते हुए विश्व में सरकारों तथा लोगों को रोकथाम के लिए संवेदनशील व जागरूक करना व विश्व के पिछड़े समाजों में फैली भ्रांतियों को दूर करना है।
शुरुआत:-
• 4 फरवरी वर्ष 2000 - पेरिस में न्यू मिलेनियम के लिए कैंसर के खिलाफ़ विश्व शिखर सम्मेलन में पेरिस चार्टर द्वारा।
• 4 फरवरी वर्ष 1933 - जिनेवा, (स्विट्जरलैंड) में यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (यूआईसीसी) की स्थापना।
• इस दिवस पर विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कैंसर से बचाव के विभिन्न अभियान चलाए जाते हैं।
यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (UICC) :-
• वर्तमान में 50 से अधिक रणनीतिक साझेदार व 172 देशों में 1200 से अधिक संगठन इसके सदस्य हैं।
• दुनिया के प्रमुख कैंसर समाजों, स्वास्थ्य व रोगी समूहों के मंत्रालयों का प्रतिनिधित्व करने के अलावा कैंसर की रोकथाम और नियंत्रण हेतु प्रभावशाली नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और विशेषज्ञ इसमें शामिल हैं।
मिथक या भ्रांति :-
• दुनिया में बहुत से लोग मानते है कि कैंसर पीड़ित के साथ रहने या स्पर्श से उन्हें भी ये घातक बीमारी हो सकती है। इस वजह से रोगी को समाज में घृणा और अछूत के रूप में देखा जाता है।
“मैं हूं और मैं करूँगा” अभियान :-
• वर्ष 2019 से 2021 तक इस अभियान की शुरूआत की गई है जो कि व्यक्तिगत प्रतिबद्धता तथा भविष्य को प्रभावित करने के लिए की जाने वाली व्यक्तिगत कोशिश का प्रतिनिधित्व करता है।
• वर्ष 2010 - मुख्य ग़ैर संचारी रोगों (एनसीडी) को नियंत्रित करने हेतु राष्ट्री य कैंसर, मधुमेह, हृदयवाहिका रोग और आघात रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम (एनपीसीडीसीएस) शुरू किया गया।
कैंसर क्या है?
• कैंसर रोगों के समूह का सामान्य नाम है, जिसमें शरीर के भीतर कुछ कोशिकाएं अनियंत्रित होकर बढ़ती हैं।
• अनुपचारित कैंसर आसपास के सामान्य ऊतकों या शरीर के अन्य हिस्सों में फैलता है।
प्रमुख कारण :-
• शारीरिक कैंसरकारी तत्व (पराबैंगनी व आयनीकरण विकिरण), रासायनिक कैंसरकारी तत्व (ऐस्बेस्टस, तंबाकू, एफ्लोटॉक्सिन व आर्सेनिक), जैविक कैंसरकारी तत्व (वायरस, बैक्टीरिया या हेपेटाइटिस बी और सी वायरस और मानव पेपिलोमावायरस) जैसे परजीवियों से होने वाला संक्रमण।
• विश्व में वर्ष 2030 तक कैंसर से मृत्यु दर लगभग दोगुनी होने का अनुमान है जो अभी 9.6 मिलियन प्रतिवर्ष हैं। वही कम से कम एक तिहाई सामान्य कैंसर निवारण योग्य हैं।
• 71% फेफड़ों के कैंसर से होने वाली मृत्यु तंबाकू सेवन से जुड़ी है जो कि सभी प्रकार के कैंसरों से होने वाली मृत्यु का 22% हैं ।
भारत में पांच सबसे अधिक होने वाले कैंसर :-
• स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर या ग्रीवा का कैंसर, मुंह का कैंसर, फेफड़े और कोलोरेक्टल (पेट या बड़ी आंत्र) कैंसर हैं।
बचाव के तरीक़े व उपाय :-
• विभिन्न प्रकार की सब्जियां, फल, फलियां, मेवा और साबुत अनाज खाने के साथ ही नियमित शारीरिक व्यायाम और मोटापे पर नियंत्रण, अल्कोहल, ध्रूमपान व तंबाकू से दूरी, एचपीवी और हेपेटाइटिस बी वायरस के खिलाफ़ टीकाकरण व चेतावनी संकेतों को जानते हुए नियमित स्वास्थ्य जांच और कैंसर परीक्षण।
Very nice 👍
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