क्या अंतरिक्ष स्टेशन अब प्रतिष्ठा की लड़ाई है?
(Is the space station a prestige battle now?)
▪️क्या होता है अंतरिक्ष स्टेशन?
यह एक बड़ा सा अन्तरिक्ष यान होता है। जिसका आकार एक छोटे घर से लेकर फुटबॉल के मैदान जितना हो सकता है। सामान्यतया ये धरती से 250 मील या 400 किलोमीटर ऊपर स्थापित होते हैं। यह वह दूरी होती है जहाँ गुरुत्वबल की रस्साकस्सी सन्तुलित हो जाती है। लेकिन वहाँ पर ये स्टेशन धरती के चारों ओर 17500 मील प्रतिघंटा की रफ्तार से धरती का चक्कर लगाते रहते है। 90 मिनट में धरती का एक चक्कर लगा लेते है। इस तरह से दिन में औसतन 15 चक्कर लगा लेते है।
▪️कैसा होता है बाहर और अंदर से अंतरिक्ष स्टेशन?
अभी अंतरिक्ष में 2 ही स्टेशन स्थापित है।
पहला 1998 में रूस और अमेरिका की नासा एजेंसी द्वारा जापान, फ्रांस, कनाडा आदि देशों के सहयोग से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में भेजा गया। वर्ष 2000 से वहाँ लगातार इंसान रह रहे हैं।
दूसरा चीन द्वारा अभी 2021 में भेजा गया तिअंगोंग-2 स्टेशन है।
नासा द्वारा भेजा गया अंतरिक्ष स्टेशन एक फुटबॉल के मैदान जितना बड़ा है तथा करीब 4 लाख किलो वजनी है। उसमें 6 कमरे, दो बाथरूम, जिम्नेजियम और कई प्रयोगशालाएं हैं। बाहर सौर ऊर्जा ग्रहण करने के लिए उसके विशाल पंख फैले हुए हैं। कभी कभी अंतरिक्ष यात्री बाहर निकलकर हवा में तैरते हुए स्पेसवॉक भी करते हैं।
चीन द्वारा स्थापित अंतरिक्ष स्टेशन एक लाख किलो वजनी है तथा कम लोगों के रुकने की जगह है।
▪️अब तक कितने लोग अंतरिक्ष स्टेशन पर जा चुके हैं?
वर्ष 2021 तक 19 देशों से 241 लोग अंतरिक्ष स्टेशन पर जा चुके हैं। वर्ष 1984 में भारत से राकेश शर्मा भारत की तरफ से पहले अंतरिक्ष यात्री थे। भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला ने भी यह किया लेकिन अंतरिक्ष से लौटते समय यान दुर्घटनाग्रस्त होने से उनकी मृत्यु हो गयी।
▪️सेटेलाइट अंतरिक्ष स्टेशन से किस प्रकार भिन्न हैं?
1957 में रूस ने अपना पहला सेटेलाइट स्पूतनिक-1 अंतरिक्ष में भेजा था जो धातु से बना हुआ मात्र 23 इंच के आकार का था। उसके बाद तो दुनियांभर के देशों में सेटेलाइट भेजने की होड़ मच गयी। कई ग्रह उपग्रहों के इर्दगिर्द हजारों की संख्या में छोटे-बड़े सैटेलाइट उनके ऑर्बिट में घूम रहे हैं। उनकी संख्या का अनुमान लगाना बहुत मुश्किल है।
भारी शक्ति के टेलिस्कोप से दोनों को इंसान देख सकता है।
▪️क्या कार्य करते है स्पेस स्टेशन एवं सैटेलाइट ?
स्पेस स्टेशन की लैबों में अब तक 2800 महत्वपूर्ण प्रयोग हो चुके है तथा नित नए प्रयोग होते रहते हैं। वहाँ अंतरिक्ष एवं भविष्य की अंतरिक्ष योजनाओं का बारीक अध्ययन किया जाता है।
जबकि सैटेलाइट मौसम का मिजाज तथा छोटी-बड़ी भूगर्भीय हलचलों को बताते है और इससे मिली जुली जानकारी देते हैं।
▪️अब भारत को क्या करना होगा?
चीन द्वारा अंतरिक्ष में स्टेशन स्थापित कर देने के बाद भारत को भी जल्दी ही इस दिशा में आगे बढ़ना होगा। दुनियां में शक्ति का प्रदर्शन भी अब प्रतीकात्मक हो गया है। भारत के आकार और जनसंख्या के लिहाज से यह अपेक्षा हर कोई करेगा।
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