google.com, pub-1480548673532614, DIRECT, f08c47fec0942fa0 google.com, pub-1480548673532614, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Kabu Education : राज्य के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के स्थानीय नाम(Local names of different geographical areas of the state)

राज्य के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के स्थानीय नाम(Local names of different geographical areas of the state)

 

राज्य के विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों के स्थानीय नाम

(Local names of different geographical areas of the state)



1.छप्पन का मैदान- 

इस क्षेत्र में Dungarpur बांसवाड़ा जिले का दक्षिणावर्ती समप्राय क्षेत्र आता है इस मैदान पर सोम कागदर माही कमला जाखम सावरमती आदि नदियों का या उनकी ऊपरी शाखाओ अथवा नालो का अथार्थ 56 नदी नालों का जल प्रभावित होने के कारण इसे 56 या छप्पनिया का मैदान कहा जाता है


2.बांगड़/वाग्वरांचल- 

अरावली पर्वतीय श्रंखलाओं में स्थित डूंगरपुर और बांसवाडा को बांगड़ कहा जाता है इस क्षेत्र में आदिवासी निवास करते हैं सघन वन अच्छी वर्षा समशीतोष्ण

 जलवायु( Temperate climate) वाला यह प्रदेश खनिज संपदा और सांस्कृतिक दृष्टि से संपन्न है बांगड़ क्षेत्र राजस्थानी और गुजराती का मिश्रण रूप और डिंगल भाषा का प्रचलन होने के कारण इसे बांगड़ी अथवा बांगड़ भाषा का क्षेत्र भी कहते हैं

प्रोफेसर आर एल सिह ने- मरुस्थलीय के पूर्व में और अरावली श्रृंखला के पश्चिम में स्थित विभाग जो उत्तर में गंगा नगर से लेकर दक्षिण में सिरोही के पश्चिमी भाग तक फैला है भानगढ़ का नाम दिया है


3.विंध्यन बेसिन- 

राज्य के दक्षिणी पूर्वी भाग में 50000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस बेसिन में कोटा झालावाड़ बॉरा बूंदी के साथ ही Sawai madhopur धोलपुर और भीलवाड़ा जिले का कुछ क्षेत्र आता है


4.मेवाड-़ 

उदयपुर पूर्वी राजसमंद चित्तौड़ और पश्चिमी भीलवाड़ा जिलों के मुख्यत: पहाड़ी और उच्च भाग मेवाड़ क्षेत्र के तहत सम्मिलित है मेवाड़ रियासत का इस भूभाग पर नियंत्रण होने से इसे मेवाड़ के नाम से पुकारा जाने लगा


5.मेरवाड़ा- 

क्षेत्र अजमेर जिले के अधिकांश भाग और दिवेर राजसमंद व टाटगढ पर विस्तृत है


6.भोमठ क्षेत्र- 

 इस क्षेत्र के अंतर्गत डूंगरपुर पूर्वी सिरोही उदयपुर जिलो का अरावली पर्वतीय क्षेत्र सम्मिलित है


7.मारवाड- 

अरावली पर्वत श्रंखला के पश्चिम में स्थित बीकानेर जोधपुर नागौर को मध्यकाल में मारवाड़ कहा जाता था इस क्षेत्र पर मध्य काल में राठौर शासकों का शासन रहा यह क्षेत्र जलाभाव रेतीली मिट्टी ( Sandy soil) उच्च तापांतर कम वर्षा और वनस्पति विहीन है


8.अर्बुदा- 

अरावली पर्वत श्रंखला का नाम अर्बुदा भी है यह पर्वत श्रंखला विश्व की सबसे प्राचीन श्रृंखला है यह गुजरात के पालनपुर से दिल्ली तक फैली हुई है इसकी कुल लंबाई 692 किलोमीटर है राजस्थान में इसकी कुल लंबाई 550 किलोमीटर है यह राज्य के कुल 12 जिलों में फैली हुई है


9.भोराठ का पठार- 

इस क्षेत्र के अंतर्गत मुकेश अरावली श्रृंखला के पश्चिमी पहाड़ी भाग आते हैं जो उदयपुर जिले की गोगुंदा धरियावाद ईसवाल और राजसमंद जिले के कुंभलगढ़ भू-भागो पर विस्तृत है


10.हाड़ौती का पठार- 

इस प्रदेश के अंतर्गत बूंदी कोटा झालावाड़ और बॉरा सम्मिलित है ।मालवा पठार उत्तरी विस्तार जहां हाड़ा वंश का राज्य रहा हाडोती के पठार के नाम से पुकारा जाने लगा


11.मेवात प्रदेश- 

इसके अंतर्गत अलवर भरतपुर धौलपुर और करौली का पूर्वी भाग और चंबल के बीहड़ क्षेत्र सम्मिलित हैं इसे मत्स्य प्रदेश भी कहते हैं यह मीणा जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है यहां ब्रज बोली का प्रचलन है सर्वप्रथम राजस्थान निर्माण के समय यह क्षेत्र पहली इकाई के रूप में 18 मार्च 1948 को सम्मिलित हुआ और मत्स्य संघ की स्थापना होने से रियासतों का एकीकरण की शुरुआत हुई


12.ढूंढाड़ क्षेत्र- 

इस क्षेत्र के अंतर्गत जयपुर रियासतों का अधिकांश भाग अथार्थ जयपुर पश्चिमी सवाई माधोपुर और उत्तरी टोंक आदी जिले सम्मिलित हैं


13.उपरमाल- 

भीलवाड़ा जिले का मध्य और पूर्वी भा, जिला चित्तौड़गढ़ को भैसरोड़गढ़ तहसील और बूंदी जिले के पश्चिमी भाग पर यह विस्तृत है आर्द्र प्रदेश (Wetland) होने के कारण कृषि की दृष्टि से महत्वपूर्ण है


14.शेखावाटी- 

इस क्षेत्र के अंतर्गत उत्तर पूर्वी नागौर, पूर्वी चूरु ,सीकर और झुनझनु जिले आते हैं यह क्षेत्र बांगड़ प्रदेश का ही उत्तरी पूर्वी विस्तार है


15.खेराड और मालखेराड़- 

इस क्षेत्र में अधिकांश भाग बनास नदी के बेसिन में विस्तृत है अथार्थ भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर तहसील और टोंक जिले के अधिकांश भाग पर यह क्षेत्र विस्तृत है इस क्षेत्र में पठारी ढाल सामान्यतः सीडीनुमा और बनास घाटी की ओर है इसे खेराड़ के नाम से भी जाना जाता है


16.मारवाड़ी या मरुस्थलीय क्षेत्र- 

इस क्षेत्र के अंतर्गत भूतपूर्व जोधपुर बाड़मेर और जैसलमेर के विभाग सम्मिलित है जो वर्तमान में मुख्यत: बाड़मेर, जैसलमेर ,जोधपुर और पश्चिमी नागौर जिले में विस्तृत है यह क्षेत्र पूर्णरूपेण रेतीला है


17.नहरी क्षेत्र- 

स्वतंत्रता से पूर्व गंगा नहर ,घग्गर बेसिन और स्वतंत्रता के पश्चात गंगनहर भाखड़ा नहर और इंदिरा गांधी नहर द्वारा निरंतर सिंचित क्षेत्र में वृद्धि के फलस्वरुप राजस्थान का गंगानगर जिला और उत्तरी पश्चिमी हनुमानगढ़ जिला क्षेत्र के अंतर्गत सम्मिलित हैं वैसे यह क्षेत्र सांस्कृतिक दृश्य


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